
सेवानिवृत आईएएस एमएस पैकरा की पुस्तक ‘बदलता अबूझमाड़ एवं अन्य कहानियों’ पर चर्चा
एमएस पैकरा द्वारा लिखित अन्य पुस्तक ‘ कंवर जनजाति के लोगों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास ’ पर साहित्यकारों के बीच चर्चा
रायपुर 20 जनवरी 2025 // सेवानिवृत आईएएस एमएस पैकरा द्वारा लिखित ‘बदलता अबूझमाड़ एवं अन्य कहानियां’ और ‘कंवर जनजाति के लोगों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास’ पुस्तक पर साहित्यकारों के बीच चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन आम्रपाली सोसाइटी प्रांगण में किया गया, पुस्तक पर चर्चा के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्ति आईएएस एवं पूर्व चुनाव आयुक्त सुशील त्रिवेदी तथा कार्यक्रम के अध्यक्षता सेवानिवृत आईएफएस एवं आम्रपाली अध्यक्ष आई एन सिंह द्वारा की गई। मंच पर उपस्थित अन्य अतिथियों में पूर्व सूचना आयुक्त मोहन पवार, सेवानिवृत आईएएस मनोहर पांडे, सेवानिवृत आईएएस श्री जायसवाल , वरिष्ठ साहित्यकार एवं वैभव प्रकाशन के प्रकाशक सुधीर शर्मा मौजूद थे। श्री पैकरा ने पुष्पगुच्छ से अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुशील त्रिवेदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पुस्तक में सरल भाषा का उपयोग किया गया है जो कहानियों को मर्मस्पर्शी बनता है पुस्तक के प्रकाशन पर श्री त्रिवेदी ने उन्हें शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आई एन सिंह ने कहा कि लेखक एवं सेवानिवृत्ति आईएएस एम.एस. पैकरा के साथ प्रशासनिक सेवा के दौरान साथ काम करने का अवसर प्राप्त हुआ था, बदलते अबूझमाड़ और बस्तर के बारे में श्री पैकरा ने विस्तार से लिखा है जो प्रशंसनीय है। सभी अतिथियों ने पुस्तक पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
एम.एस. पैकरा के कहानी संग्रह में चौदह कहानी है जिसमें बारह कहानियां उनके द्वारा लिखी गई है तथा दो कहानी उनकी पुत्री रूपाली द्वारा लिखी गई है। श्री पैकरा की कहानी लोकरंग और पुरातन के प्रति जुड़ाव का मर्मस्पर्शी कहानियां है।
पूर्व में श्री पैकरा ने आत्मकथा पर आधारित दो पुस्तके ‘मोर चिन्हारी’ और ‘जिंनगी के सुरता’ लिखी है। अपने उद्बोधन में एम.एस. पैकरा ने कहा कि पुस्तक की सभी कहानियां काल्पनिक है कहानी के सभी पात्र, नाम, गांव एवं स्थान आदि भी काल्पनिक है लेकिन कई कहानियों के दृश्यों से वास्तविकता की झलक दिखाई देती है। श्री पैकरा ने किताब लिखने में महत्वपूर्ण योगदान के लिए अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला पैकरा के प्रति आभार प्रकट किया।
साहित्यिक आयोजन के इस अवसर पर वैभव प्रकाशन और छत्तीसगढ़ राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की ओर से विजय गुप्ता ने श्री पैकरा को प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया। मंच का संचालन सेवानिवृत्ति इंजीनियर जल संसाधन विभाग महेश शर्मा द्वारा किया गया, दो युवा कवियों ने रचना प्रस्तुत कर श्रोताओ से तालियां बटोरी।
इस अवसर पर उपस्थिति दर्ज करने वालों में आम्रपाली उपाध्यक्ष दिनेश पटेल, संचालक केपी तोमर, श्रीमती रीता चौधरी, रामानंद चंद्राकर, अमित मेहता, वरिष्ठ सदस्य सुनील अग्रवाल, महेश दुबे, एनके अग्निहोत्री, मनीष देव साहू, श्रीमती बीना मेहता, श्रीमती जागृति साहू, संचालक एवं प्रधान संपादक डीएस मिश्रा, लेखक के परिवारजन एवं मित्रगण, कार्यालय सहायक शंकर तिवारी एवं सोसाइटी सदस्य इत्यादि उपस्थित थे।