रायपुर

145 करोड के फर्जी बिल पर 26 करोड की ITC फ्रॉड मामले में अमन अग्रवाल गिरफ्तार

रायपुर, 11 जून 2025// राज्य बस्तु एवं सेवा कर विभाग, छत्तीसगढ़ द्वारा की गई कार्रवाई में M/s Agastya Enterprises के प्रोप्रायटर अमन अग्रवाल को 145 करोड़ के फर्जी बिलों के आधार पर 26.09 करोड़ की इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का फ्रॉड करके राजस्व को क्षति पहुंचाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। फर्म वर्ष 2023-24 में पंजीकृत हुई थी, और इतने कम समय में ही इसने बड़े पैमाने पर फर्जी लेन-देन कर राजकोष को नुकसान पहुँचाया।

जांच के दौरान यह सामने आया कि फर्म ने अपने नाम पर फर्जी फर्मों के इनवॉइस के माध्यम से ITC का फ्रॉड किया और उसे अन्य फर्मों को पास ऑन भी किया गया। इन फर्जी फर्जी बिलो के पीछे 10 बोगस आपूर्तिकर्ता फर्मों का नाम सामने आया, जिनसे वास्तविक वस्तु या सेवा की कोई आपूर्ति नहीं हुई थी। ये आपूर्तिकर्ता फर्म

हुसैनी इंटरप्राइजेज,
GSTIN-22AKKP11574RIZQ

अद्वितीय उद्यम,
GSTIN-22NXHPK3243J1ZA

धनलक्ष्मी इंटरप्राइजेज
GSTIN-22NICPK7846D1Z5

अंसारी ट्रेडर्स,
GSTIN-22CJBPA946IRIZX

अगस्त्य एंटरप्राइजेज,
GSTIN-22BVJPY0644K129

ललित ट्रेडलिंक,
GSTIN-22TGLPS8612G1ZR

विनायक वेंचर्स,
GSTIN-22CYEPV3791DIZB

Mahaveer Enterprises,
GSTIN-22CXEPS3701DIZY

Jai Bhole Enterprises,
KGSTIN-22DMJPN5343F1Z5

ब्रिस्टल मल्टीट्रेड,
GSTIN-22ALAP12801C12ZS

इन सभी आपूर्तिकर्ता फर्मों की GSTR-2B रिपोर्ट में कोई भी डेटा उपलब्ध नहीं था (Nil 2B), आपूर्ति के बिना ही फर्जी ITC का फ्रॉड दावा किया गया।

व्यवसायी ने जिन 10 सप्लायर फर्मों से क्क्रय दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया है. उनमें से सभी 10 फर्म का भौतिक सत्यापन में पाया गया कि सभी 10 फर्म अस्तित्व में नहीं हैं। इनमें से 05 फर्मों के पंजीयन मार्च और अप्रैल 2025 में कराये गये थे। शेष 04 फर्मों के पंजीयन जुलाई 2024 के बाद लिए गये हैं। इनमें से 8 फर्मों के पंजीयन निरस्त किये जा चुके हैं।

जांच में आया कि इन बोगस सप्लायर्स के पंजीयन के लिए प्रस्तुत दस्तावेजों में ऐसे मृत व्यक्तियों के नाम पर किरायानामा बनाया गया था, जिनकी मृत्यु वर्ष 2010 में हो चुकी थी, जबकि उन दस्तावेजों का उपयोग वर्ष 2025 में पंजीयन हेतु किया गया। इससे यह सिद्ध होता है कि पंजीयन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया गया।

जब किसी बोगस फर्म का विभाग को पता चलने पर पंजीयन निरस्त होता था तो ये नये फर्म बना कर संव्यवहार दिखाते थे।

जांच में पता चला है कि अमन अग्रवाल के साथ कुछ और लोग मिलकर एक सिंडिकेट कि तरह कार्य कर रहे थे। विभाग इस सिंडिकेट की जांच कर रहा है।

इस प्रकार फर्म द्वारा फर्जी पंजीयन प्राप्त कर इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत लाभ लिया गया, जो छत्तीसगढ़ वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 16 की शर्तों का उल्लंघन है। इन परिस्थितियों के आधार पर श्री अमन अग्रवाल को उक्त अधिनियम की धारा 132 (1) (b) एवं 132(1)(c) के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है।

राज्य जीएसटी विभाग यह सुनिश्चित करने हेतु सतत् प्रयासरत है कि फर्जी लेन-देन एवं टैक्स फ्रॉड में लिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए और राजस्व की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके, तथा कर दायित्वों के अनुपालन करने वाले व्यवसायियों के लिए GST प्रणाली को और सुगम तथा पारदर्शी बनाया जा सके।

Related Articles

Back to top button