
रायपुर 22 राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने बोरे-बासी दिवस आयोजन में हुए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार पर कहा कि यह खुलासा बताता है कि कांग्रेस की सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार करके रख दी थीं और जहाँ मौका मिला, वहाँ सरकारी खजाने में डाका डालते हुए जन-धन की खुली लूट मचाकर प्रदेश का बेड़ा गर्क करके रख दिया। कांग्रेस सरकार ने ‘छत्तीसगढ़िया’ का ढिंढोरा तो खूब पीटा लेकिन छत्तीसगढ़ के खान-पान, रहन-सहन और संस्कृति को कलंकित कर छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
श्री वर्मा ने कहा कि बोरे-बासी खाना सिखाने के 5 घंटे के एक दिन कार्यक्रम में 8.14 करोड़ रु. खर्च कर दिए गए! 1.10 करोड़ रुपए में बनाए गए 6 डोम में 75 लाख रुपए का खाना परोसा गया, 27 लाख रुपए का पानी पिलाया गया, 13 लाख रुपए की छाछ आई और 82 लाख रुपए की टोपी पहनाई गई। यह तो सिर्फ 2023 के एक दिन का लेखा-जोखा है, इससे पहले के 2019 से 2022 तक के चार सालों का हिसाब लगना तो अभी बाकी है। श्री वर्मा ने इस बात पर हैरानी जताई कि इस कार्यक्रम में खर्च के जो कागज बोल रहे हैं, और जो हकीकत सामने आई है, उससे भ्रष्टाचार की सारी पोल खुली है। सूचना के अधिकार से इस कार्यक्रम के दस्तावेज निकाले गए तो पता चला कि इस कार्यक्रम में मजदूर महज 15 हजार आए थे। 5 रुपए बोतल वाला पानी 18 रुपए में खरीदा गया। 6 की जगह सिर्फ 4 डोम बने थे। 150 अतिथियों को 10-10 हजार रुपए का मोमेंटो दिया गया, जिसकी कीमत 4 हजार रुपए है। कुर्सियाँ भी 10-12 हजार ही लगी थीं।
प्रदेश के राजस्व मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने सरकारी खजाने को उलीचने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी, यह तथ्य इस और इस प्रकार के आयोजनों और उसके पश्चात एजेंसियों को किए गए बेहिसाब भुगतानों से पता चलता है। ये सारे घोटाले सरकार और उसके नुमाइन्दों द्वारा किए गए। उन एजेंसियों ने जैसा चाहा, वैसा बिल दिया और भुगातान भी लिया। बिना किसी पड़ताल के एजेंसियों को करोड़ों के बिल आँख मूंदकर स्वीकृत किए और भुगतान भी किए।
श्री वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली प्रदेश की भाजपा सरकार इस मामले पर गंभीर है और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते सभी दोषियों को उनकी सही जगह भेजा जाएगा।