जम्मू-कश्मीर: इस साल अबतक 23 आतंकी हमले
पिछले विधानसभा चुनावों यानी 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.
इस साल आतंकी घटनाओं में 2014 के मुकाबले दसवां हिस्सा कमी आई है. कश्मीर क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में वोटिंग में अच्छी वृद्धि का एक प्रमुख कारण आतंकी घटनाओं में कमी ही मानी जा रही है. एक अधिकारी ने कहा कि ये महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और केंद्र शासित प्रदेश में इसके पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर में ये पहला विधानसभा चुनाव है.
हालांकि, जम्मू संभाग के एक जिले को छोड़कर सभी जिलों में मतदान प्रतिशत में 2014 के बाद से गिरावट आई है, जहां मतदान समाप्त हो चुका है. जम्मू संभाग में मतदान में कमी का एक संभावित कारण ये हो सकता है कि हाल ही में इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है. 27 सितंबर तक जम्मू क्षेत्र में 15 आतंकवादी हमले और मुठभेड़ों में 11 नागरिक और 17 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं.जम्मू में 2014 की तुलना में वोटिंग में बढ़ोतरी
जम्मू के छह जिलों में से केवल एक में जहां चरण 1 और 2 में मतदान हुआ है, 2014 के चुनावों की तुलना में मतदान प्रतिशत में वृद्धि देखी गई है, जबकि कश्मीर के सात ऐसे जिलों में से चार में मतदान प्रतिशत में वृद्धि दर्ज की गई है. 2024 के लोकसभा चुनावों से तुलना करने पर पता चलता है कि एक जिले, जम्मू क्षेत्र के रियासी को छोड़कर सभी में मौजूदा चुनावों में कम मतदान हुआ.
जुलाई में रियासी में साल का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें आतंकवादियों ने एक बस पर गोलीबारी की थी जिसमें आठ यात्री और बस ड्राइवर मारा गया था. इसके अलावा, हाल के महीनों में पुंछ और राजौरी में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ों में कई सुरक्षा बल हताहत हुए हैं.
2014 vs 2024: जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं
2014 2024 (27 सितंबर तक)
222 23 (15 जम्मू और 8 कश्मीर)
सुरक्षाकर्मी मारे गए
2014 2024 (27 सितंबर तक)
47 23 (15 जम्मू और 4 कश्मीर)
नागरिक मारे गए
2014 2024 (27 सितंबर तक)
29 16 (11 जम्मू और 5 कश्मीर)
आतंकवादी मारे गए
2014 2024 (27 सितंबर तक)
110 45 (35 कश्मीर और 10 जम्मू)
2014 में 222 आतंकी घटनाएं हुईं, इस साल अब तक मात्र 23
कुल मिलाकर, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित घटनाएं 2014 में 222 से घटकर इस साल अब तक 23 हो गई हैं, जिनमें से 15 जम्मू क्षेत्र में और 8 कश्मीर में दर्ज की गई हैं. सुरक्षा बलों की मौतें भी घटकर 25 हो गई हैं, जिनमें से 17 अकेले जम्मू क्षेत्र में थीं, जो 2014 में 47 थीं, जबकि 2024 में नागरिकों की हत्याएं 28 से घटकर 16 (जम्मू क्षेत्र में 11 और घाटी में 5) हो गई हैं.
2014 में 110 के मुकाबले इस साल 45 आतंकवादी मारे गए. इनमें से 18 विदेशी आतंकवादी और 17 स्थानीय आतंकवादियों सहित 35 को कश्मीर में निष्प्रभावी कर दिया गया, जबकि जम्मू में 10 आतंकवादियों का अंत हुआ.
2014 में 23 ग्रेनेड हमले, नौ आईईडी हमले और 41 हड़ताल के आह्वान की तुलना में 2024 में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि 7 में से चार जिले (कुलगाम, शोपियां, पुलवामा और श्रीनगर, जो कभी आतंकवाद के गढ़ थे) मतदाता मतदान के मामले में 2014 के विधानसभा चुनावों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया.